आईसीसी (ICC) ने हॉल ऑफ फेम की सूची जारी कर दी है। इस सूची में टीम इंडिया के महान क्रिकेटर वीनू मांकड़, श्रीलंका के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज कुमार संगाकारा और जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान एंडी फ्लावर समेत 10 दिग्गजों को शामिल किया गया है। इन दस खिलाड़ियों के शामिल होने से आईसीसी हॉल ऑफ फेम की टैली 103 पर पहुँच गई है। जानकारी के लिए बता दें कि वीनू मांकड़ ने भारत के लिए कुल 44 टेस्ट मैच खेले हैं। इस दौरान उन्होंने 31.47 की औसत से कुल 2,109 रन बनाए। इसी अवधि में उन्होंने 44 टेस्ट मैचों में 32.32 की औसत से 162 विकेट भी चटकाए हैं। बताना चाहेंगे कि मांकड़ की गिनती भारत के महान ऑलराउंडरों में होती है।
लिस्ट में शामिल होने वाले सातवें भारतीय क्रिकेटर
वीनू मांकड़ आईसीसी (ICC) हॉल ऑफ फेम में जगह पाने वाले सातवें भारतीय क्रिकेटर हैं। उनसे पहले इस सूची में बिशन सिंह बेदी, कपिल देव, सुनील गावस्कर, अनिल कुंबले, राहुल द्रविड़ और सचिन तेंदुलकर का नाम शामिल है।
पूर्व श्रीलंकाई कप्तान संगाकारा को भी किया शामिल
वहीं, संगाकारा ने श्रीलंका की तरफ से कुल 134 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 57.40 की औसत से 12,400 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 38 शतक और 52 अर्धशतक बनाये हैं। इसके अलावा विकेट के पीछे उन्होंने 182 कैच और 20 स्टंपिंग की है। संगाकारा की कप्तानी में श्रीलंकाई टीम, आईसीसी विश्व कप 2011 के फाइनल में भी पहुंची थी, हालांकि इस दौरान टीम को भारत के हाथों हार का सामना करना पड़ा था। संगाकारा शानदार बल्लेबाज के साथ एक बेहतरीन विकेटकीपर भी रहे हैं और उनकी गिनती विश्व के शानदार खिलाड़ियों में की जाती है।
आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले जिम्बाब्वे के पहले खिलाड़ी
एंडी फ्लावर आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले जिम्बाब्वे के पहले खिलाड़ी हैं। उन्होंने अपने देश के लिए 63 टेस्ट मैचे खेले हैं, जिसमें उन्होंने 51.54 की औसत से कुल 4,794 रन बनाए। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने विकेट के पीछे 151 कैच लपके और नौ स्टंपिंग भी किए।
इन खिलाड़ियों को भी मिली जगह
हॉल ऑफ फेम की सूची में जगह पाने वाले खिलाड़ियों में प्रारंभिक युग (1918 से पूर्व) के दक्षिण अफ्रीका के ऑब्रे फॉकनर और ऑस्ट्रेलिया के मोंटी नोबल, दोनों विश्व युद्ध के बीच के समय के लिए (1918-1945) वेस्टइंडीज के सर लेरी कॉन्सटेंटाइन और ऑस्ट्रेलिया के स्टेन मैककैब, युद्ध के बाद के युग (1946 -1970) के समय के लिए इंग्लैंड के टेड डेक्सटर और भारत के वीनू मांकड़ का नाम है।
वन-डे युग (1971-1995) के लिए वेस्टइंडीज के डेसमंड हेन्स और इंग्लैंड के बॉब विलिस, जबकि आधुनिक युग (1996-2015) के लिए जिम्बाब्वे के एंडी फ्लावर और श्रीलंका के कुमार संगाकारा को इसमें जगह दी गई है। टेस्ट क्रिकेट में 12,000 से अधिक रन बनाने वाले संगकारा, मुथैया मुरलीधरन के बाद लिस्ट में शामिल होने वाले केवल दूसरे श्रीलंकाई खिलाड़ी बन गए हैं।
क्या है आईसीसी हॉल ऑफ फेम
आईसीसी क्रिकेट “हॉल ऑफ फेम” की लिस्ट में क्रिकेट की महान हस्तियों को शामिल किया जाता है। आईसीसी, “हॉल ऑफ फेम” में शामिल किये जाने वाले महान खिलाड़ियों की सूची हर साल जारी करता है। आईसीसी हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वालों का चयन एक वोटिंग अकादमी करती है। इस अकादमी में हॉल ऑफ फेम के सक्रिय सदस्य, एफआईसीए का एक प्रतिनिधि, प्रमुख क्रिकेट पत्रकार और आईसीसी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। बताना चाहेंगे कि इस बार के पांचों युगों के खिलाड़ियों का चयन ऑनलाइन मतदान से किया गया था।
आईसीसी हॉल ऑफ फेम की पूरी सूची
2 जनवरी 2009 से, आईसीसी हॉल ऑफ फेम की सूची में 90 खिलाड़ियों को शामिल किया गया है। इस लिस्ट में सबसे अधिक खिलाड़ी इंग्लैंड टीम (28) के, इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के 26 और वेस्टइंडीज के 18 खिलाड़ी हैं। वर्ष 2010 में, इंग्लैंड की पूर्व महिला क्रिकेट कप्तान रेचेल फ्लिंट हॉल ऑफ फेम की सूची में शामिल होने वाली पहली महिला बनीं थी और 2019 में ऑस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी कैथरीन फिटजपैट्रिक इस लिस्ट में शामिल होने वाली दूसरी महिला बनीं थीं।
कब और कैसे बना हॉल ऑफ फेम
आईसीसी हॉल ऑफ फेम की शुरुआत 2 जनवरी 2009 को फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन के साझा सहयोग से शुरू हुई थी। इसकी शुरुआत क्रिकेट के शताब्दी वर्ष को आयोजित करने और क्रिकेटर्स को सम्मान देने के लिए हुई थी।
आईसीसी (ICC) हॉल ऑफ फेम पाने की योग्यता
1) आईसीसी हॉल ऑफ फेम अवॉर्ड पाने के लिए एक बल्लेबाज को कम से कम 8,000 अंतरराष्ट्रीय रन और 20 शतक स्कोर करना जरूरी है। यह क्रिकेट के दोनों प्रारूप टेस्ट या ODI किसी के भी रन हो सकते हैं या फिर बल्लेलबाज का औसत 50 से ऊपर हो।
2) किसी गेंदबाज को इस सूची में तभी शामिल किया जा सकता है, जब उन्होंने टेस्ट या वनडे, किसी भी फॉर्मेट में 200 विकेट अपने नाम किए हों। टेस्ट में गेंदबाज का स्ट्राइक रेट 50 और वनडे में 30 होना अनिवार्य है।
3) इस सूची में विकेटकीपर को भी शामिल किया जा सकता है, अगर उसने कम से कम 200 खिलाड़ियों को आउट किया हो।
4) किसी भी टीम के कप्तान को भी इस अवॉर्ड से सम्मानित किया जा सकता है अगर उसने 25 वनडे मैच या फिर वो 100 वनडे मैचों में टीम के कप्तान रहे हों और कम से कम 50 फीसदी मैच जीते हों।
5) हॉल ऑफ फेम का सम्मान किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी को क्रिकेट से संन्यास लेने के 5 साल बाद दिया जाता है।
यह जरूरी नहीं है कि यह सम्मान सिर्फ क्रिकेट खिलाड़ियों को ही दिया जाता है। आईसीसी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक ‘स्पेशल केस में यह सम्मान क्रिकेट खिलाड़ियों से अलग दिग्गज पत्रकार, अंपायर, मैच रेफरी और प्रशासक को भी नोमिनेट कर दिया जा सकता है। अगर कोई टीम, संस्थान या फिर खिलाड़ी इन नियमों के तहत नहीं आता है तो हॉल ऑफ फेम के नामित सदस्य ऐसे लोग और संस्थान के नाम को नॉमिनेट कर आगे बढ़ा सकते हैं। अगर ऐसे सदस्य का क्रिकेट में योगदान अहम रहा है तो उन्हें भी इस सम्मान से नवाजा जा सकता है, लेकिन इस पर सभी नामित सदस्यों (हॉल ऑफ फेम का चयन करने वाले सदस्य) का एक मत होना अनिवार्य है।